very emotional message of mother and son.
गाँव के कुएँ पर 3 महिलाएँ पानी भर रही थीं।
तभी एक महिला का बेटा वहाँ से गुजरा।
उसकी माँ बोली---" वो देखो, मेरा बेटा,
इंग्लिश मीडियम में है। "
थोड़ी देर बाद दूसरी महिला का पुत्र गुजरा।
उसकी माँ बोली---" वो देखो मेरा बेटा,
सीबीएसई में है। "
तभी तीसरी महिला का पुत्र वहाँ से गुजरा,
दुसरे बेटों की तरह ही उसने भी अपनी माँ को देखा
और माँ के पास आया।
पानी से भरी गगरी उठाकर उसने अपने कंधे पर रखी,
दुसरे हाँथ में भरी हुई बाल्टी सम्हाली और
माँ से बोला---" चल माँ, घर चल। "
उसकी माँ बोली---" ये सरकारी स्कूल में पढता है। "
उस माँ के चेहरे का आनंद देख बाकी दूसरी
दो महिलाओं की नजरें झुक गईं।
उपरोक्त कथा का तात्पर्य सिर्फ यही है कि,
लाखों रुपए खर्च करके भी संस्कार नहीं खरीदे
जा सकते...!!
अच्छा लगे तो, जरूर शेयर करें।
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तभी एक महिला का बेटा वहाँ से गुजरा।
उसकी माँ बोली---" वो देखो, मेरा बेटा,
इंग्लिश मीडियम में है। "
थोड़ी देर बाद दूसरी महिला का पुत्र गुजरा।
उसकी माँ बोली---" वो देखो मेरा बेटा,
सीबीएसई में है। "
तभी तीसरी महिला का पुत्र वहाँ से गुजरा,
दुसरे बेटों की तरह ही उसने भी अपनी माँ को देखा
और माँ के पास आया।
पानी से भरी गगरी उठाकर उसने अपने कंधे पर रखी,
दुसरे हाँथ में भरी हुई बाल्टी सम्हाली और
माँ से बोला---" चल माँ, घर चल। "
उसकी माँ बोली---" ये सरकारी स्कूल में पढता है। "
उस माँ के चेहरे का आनंद देख बाकी दूसरी
दो महिलाओं की नजरें झुक गईं।
उपरोक्त कथा का तात्पर्य सिर्फ यही है कि,
लाखों रुपए खर्च करके भी संस्कार नहीं खरीदे
जा सकते...!!
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