non veg jokes latest 2016 in hindi........very nice non veg shayri
यूँ हम को सताने की ज़रूरत क्या थी;
गांड मेरी जलाने की ज़रूरत क्या थी;
जो नहीं था इश्क़ तो कह दिया होता;
बेवजह हमें चुतिया बनाने की ज़रुरत क्या थी;
मालूम था अगर यह ख्वाब टूट जायेगा;
नींद में आकर चुदने की ज़रुरत क्या थी;
मान लूँ अगर कि एक तरफ़ा मोहब्बत थी;
तो साली मुझे देख कर मुस्कुराने की ज़रुरत क्या थी!
गांड मेरी जलाने की ज़रूरत क्या थी;
जो नहीं था इश्क़ तो कह दिया होता;
बेवजह हमें चुतिया बनाने की ज़रुरत क्या थी;
मालूम था अगर यह ख्वाब टूट जायेगा;
नींद में आकर चुदने की ज़रुरत क्या थी;
मान लूँ अगर कि एक तरफ़ा मोहब्बत थी;
तो साली मुझे देख कर मुस्कुराने की ज़रुरत क्या थी!