नारी के नाभी के निचे जो वन है, वही वृन्दावन है.. | Asharam bapu ka gyan mast he | Asharam bapu non veg shayri in hindi
नारी के सर पे जो बाल है,
वही मायाजाल है.
उसके होठों का जो रस है,
वही सोमरस है.
उसके सीने पे जो आम है,
वही चार धाम है.
उसके नाभी के निचे जो वन है,
वही वृन्दावन है.
और उस वृन्दावन में जो द्वार है,
वही हरिद्वार है.
..
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अब सोचते क्या हो,
जाओ और पुण्य कमाओ.
- प. पु. आसाराम बापू😁😁😁
वही मायाजाल है.
उसके होठों का जो रस है,
वही सोमरस है.
उसके सीने पे जो आम है,
वही चार धाम है.
उसके नाभी के निचे जो वन है,
वही वृन्दावन है.
और उस वृन्दावन में जो द्वार है,
वही हरिद्वार है.
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अब सोचते क्या हो,
जाओ और पुण्य कमाओ.
- प. पु. आसाराम बापू😁😁😁