वाह रे मानव तेरा स्वभाव.... | ye kavita real life se realted he jo manavta ko darshata he
* वाह रे मानव तेरा स्वभाव....
।। लाश को हाथ लगाता है
तो नहाता है ...
पर बेजुबान जीव को
मार के खाता है ।।
I I यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या
गजब की जगह है दोस्तो.
जंहा गरीब बाहर और अमीर
अंदर 'भीख' मांगता है..I I
* विचित्र दुनिया का कठोर सत्य.
I I बारात मे दुल्हे सबसे पीछे
और दुनिया आगे चलती है,
मय्यत मे जनाजा आगे
और दुनिया पीछे चलती है.I I
I I यानि दुनिया खुशी मे आगे
और दुख मे पीछे हो जाती है I I
* अजब तेरी दुनिया
गज़ब तेरा खेल
I I मोमबत्ती जलाकर
मुर्दों को याद करना
और मोमबत्ती बुझाकर
जन्मदिन मनाना...I I
* * * * वाह रे दुनिया !!!!
।। लाश को हाथ लगाता है
तो नहाता है ...
पर बेजुबान जीव को
मार के खाता है ।।
I I यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या
गजब की जगह है दोस्तो.
जंहा गरीब बाहर और अमीर
अंदर 'भीख' मांगता है..I I
* विचित्र दुनिया का कठोर सत्य.
I I बारात मे दुल्हे सबसे पीछे
और दुनिया आगे चलती है,
मय्यत मे जनाजा आगे
और दुनिया पीछे चलती है.I I
I I यानि दुनिया खुशी मे आगे
और दुख मे पीछे हो जाती है I I
* अजब तेरी दुनिया
गज़ब तेरा खेल
I I मोमबत्ती जलाकर
मुर्दों को याद करना
और मोमबत्ती बुझाकर
जन्मदिन मनाना...I I
* * * * वाह रे दुनिया !!!!