पहले प्यार की चुदने की ख्वाहिश | best chudai sex story in hindi 2016


पहले प्यार की चुदने की ख्वाहिश

प्रारंभ: 2016-08-05 श्रेणियाँ: पहली बार चुदाई डाउनलोड    शेयर

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार।

मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ.. और मैंने इसकी सभी कहानियाँ पढ़ी हैं। इनमें से कुछ तो वास्तविकता पर और कुछ कल्पनाओं पर आधारित हैं लेकिन लिंग खड़ा करने में इन कहानियों का कोई मुकाबला नहीं है।

मेरा नाम अमित है.. उम्र 21 वर्ष.. स्मार्ट और काफी हँसमुख किस्म का हूँ। मैं मिडल क्लास की फैमली से हूँ.. जिससे मुझे हमेशा कोई ना कोई परेशानी बनी रहती है।

मेरी क्लास की लड़की


यह कहानी तब की है.. जब मैं 12 वीं क्लास में पढ़ता था।

मैं रोज सुबह तैयार होकर स्कूल जाया करता था.. जो कि हमारे घर से 6 किलोमीटर दूर था। स्कूल से 1 किलोमीटर पहले कभी-कभी एक लड़की मिलती थी.. जो हमारे स्कूल में ही हाई स्कूल में पढ़ती थी।

मैं उससे थोड़ी बहुत बात कर लेता था.. पर अपने दिल की बात बताने से डरता था कि मैं उससे प्यार करता हूँ।
स्कूल के हाफ़ टाइम में भी मैं उसे देखता रहता था और वो इस बात को अच्छी तरह से जानती भी थी।

प्यार का इज़हार

एक दिन घर जाते समय वो मुझसे बोली- तुम मेरी तरफ़ इस तरह क्यों देखते हो?
मैं- बिकाज आई लव यू।

वो मेरी तरफ़ देखने लगी।
मैंने पूछा- डू यू लव मी..?
उसने कहा- सोच कर बताऊँगी।
वो वहाँ से चली गई।

मैं पूरी रात जागता रहा और सोचता रहा कि पता नहीं उसका जवाब क्या होगा?
अगले दिन जब मैं उससे मिला तो वो बोली- आई लव यू टू।

मैं तो खुशी के मारे पागल हो गया, मैंने उसे बाँहों में ले लिया और किस करने लगा।

इसके बाद मैं और वो इतने करीब आए कि अगर एक दिन बात ना हो तो परेशानी सी हो जाए।

प्रथम तन का मिलन


एक दिन अचानक उसका फ़ोन आया- आज स्कूल ना जाकर मेरे घर आ जाओ।
मैंने वैसा ही किया, मैं सीधे उसके घर पहुँच गया, मैंने बेल बजाई तो रागिनी ने गेट खोला, मैंने पूछा- घर के बाकी लोग कहाँ हैं?
तो उसने बताया- सब लोग कहीं बाहर गए हैं, शाम तक आएंगे।

मैं- मुझे क्यों बुलाया?
रागिनी- सब समझाना पड़ेगा क्या?
मैं- नहीं.. अब सब समझ में आ गया।

इतना कहते ही मैं उसे बाँहों में लेकर चूमने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।
कुछ मिनट तक हम दोनों एक-दूसरे से चिपके रहे, मैंने उसके हर अंग को छुआ।

फ़िर हम दोनों बेडरूम में आ गए, मैंने उसे बिस्तर पर लिटा लिया और टॉप के ऊपर से ही उसके बोबे मसलने लगा।
वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और बोल रही थी- प्लीज अमित कुछ करो न.. बड़ा अजीब सा लग रहा है।
वह मुझे अपनी तरफ़ खींचने लगी।

मैंने भी देर ना करते हुए उसका टॉप उतार दिया और उसके बोबे चूसने लगा, साथ ही साथ उसकी जीन्स में हाथ डाल दिया।
उसकी योनि से रसधार बह रही थी।

मुझसे भी अब संयम नहीं हो रहा था.. सो मैंने उसकी जीन्स और पैन्टी उतार दी और जल्दी से अपने कपड़े भी उतार दिए।
वो मेरा लम्बा कड़क लिंग देखकर घबरा गई।

अब मैं उसे ध्यान से देख रहा था: गुलाबी होंठ.. संतरे जैसे बोबे और उसकी चिकनी बुर का तो कहना ही क्या था।
मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसकी चूत के पास गया और चूसने लगा।

वो मेरा सर पकड़कर दबाने लगी और मेरा लिंग अपनी तरफ़ खींचने लगी तो मैंने अपना लिंग उसके मुँह में दे दिया।
वो बड़े चाव से मेरे लिंग को चूसने लगी, अब हम दोनों 69 की पोजिशन में आ चुके थे।

कुछ देर के बाद हम दोनों झड़ गए मगर रागिनी ने मेरा लिंग मुँह से नहीं निकाला और उसे चूसती रही।

कुंवारी चूत का भेदन


जल्द ही मेरा लिंग फ़िर से खड़ा हो गया तो रागिनी बोली- अब देर मत करो.. अन्दर डाल दो प्लीज।
मैंने उसके दोनों पैर ऊपर किए और अपना लिंग उसके छेद में टिका दिया। तब वो बोली- अमित आराम से.. मेरा पहली बार है।
मैंने उसे समझाया- देखो.. शुरू में थोड़ा दर्द होगा.. सह लेना।
वो मान गई।

अब मैं धीरे-धीरे अपना लिंग अन्दर डालने लगा, उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं- स्स्स्आआह.. स्स्स्आह्ह्ह्ह.. मादक आवाजें आ रही थीं।

मेरे लिंग का एक तिहाई भाग अन्दर गया होगा कि वो मुझे जोर से पकड़ने लगी और मेरी पीठ पर नाखून गड़ाने लगी।
मैं समझ गया कि उसकी सील टूट चुकी है क्योंकि उसकी योनि से खून बह रहा था।

मैं थोड़ा रुका और जब उसने नीचे से धक्का दिया.. तो मैं समझ गया और मैंने आराम से धक्का लगाते हुए अपना पूरा लिंग चूत में डाल दिया।

अब मैं उसकी जबरदस्त चुदाई करने लगा.. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
उसके मुँह से ‘आह्ह्ह.. स्स्स्स.. और तेज्जज.. आआह.. फक मी हार्ड..’ जैसी आवाजें आ रही थीं।

पूरे कमरे में ‘फच्च.. फच्च..’ की आवाज आ रही थी। रागिनी पूरी मस्ती से अपनी कमर उछाल-उछाल कर चुदवा रही थी, लम्बी चुदाई के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा।

मैं भी पूरी स्पीड से धक्के लगा रहा था.. और एकाध मिनट के बाद मैं भी कगार पर आ गया।

मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूँ..
तो वो बोली- अन्दर ही निकाल दो।

बस मैं 7-8 धक्कों के बाद झड़ गया और उसके ऊपर निढाल होकर लेट गया।
कुछ देर बाद हम उठे और अपने-अपने कपड़े पहने।

फ़िर मैंने उसे किस किया उसके नंगे बदन से खेला और कुछ देर बाद मैं वापस आ गया।
पहली बार सेक्स की यह कहानी आपको कैसी लगी, जरूर बताएँ।

आपके विचारों का स्वागत है।

*गुरु दीवाना*

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