एक कविता दोस्तों के नाम | Ek choti si or pyari si kavita(poem) mere pyare dosto ke liye.

👉🏼एक कविता दोस्तों के नाम💐

जी नही चाहता कि ,
नेट बंद करू

अच्छी चलती दूकान का ,
गेट बंद करू

हर पल छोटे - बड़े ,
प्यारे-प्यारे मैसेज , आते है

कोई हंसाते है ,
कोई रूलाते है !!

रोजाना हजारों ,
मैसेज की भीड़ में ,

कभी-कभी अच्छे ,
मैसेज भी छूट जाते है

मन नही मानता कि ,
दोस्तो पर कमेंट बंद करू

जी नही चाहता कि ,
नेट बंद करू

प्रात: सायं करते है ,
सब दोस्त नमस्कार

बिना स्वार्थ करते है ,
एक दूजे से प्यार

हर तीज त्यौहार पर ,
मिलता फूलो का उपहार

नेट बंद करने की ,
सोच है बेकार

दिल नही करता कि ,
दोस्तो की ये भेट बंद करू

जी नही चाहता कि ,
नेट बंद करू ..

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