हक़ तेरा हमसे, अदा ना हो सका खुदा, ग़ूस्ताखी, बे-अदबी, हमसे हुई है सदा - Alwida alwida mahe ramzan shayri sms 2017
☆हक़ तेरा हमसे, अदा ना हो सका खुदा,
☆ग़ूस्ताखी, बे-अदबी, हमसे हुई है सदा ॥
☆बक्ष दे सारे गुन्हाओं को बादशाहे-दोजहाँ,
☆अब तो रमज़ान भी हमसे हो रहा है जुदा।😔
🌹अलविदा अलविदा माहे रमजान🌹
☆ग़ूस्ताखी, बे-अदबी, हमसे हुई है सदा ॥
☆बक्ष दे सारे गुन्हाओं को बादशाहे-दोजहाँ,
☆अब तो रमज़ान भी हमसे हो रहा है जुदा।😔
🌹अलविदा अलविदा माहे रमजान🌹